रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA )
रूह अफ़ज़ा(ROOH AFZA ), गर्मियों में ताजगी देने वाला एक लोकप्रिय शरबत है, जो स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिए जाना जाता है। हाल ही में इसे लेकर विवाद हुआ, जिसमें बाबा रामदेव ने इसकी सामग्री पर सवाल उठाते हुए अपनी कंपनी पतंजलि का नया शरबत लॉन्च किया। इसके अलावा, हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA )को लेकर कुछ कट्टरपंथी बयान दिए गए हैं, जिसमें यह कहा गया कि इस शरबत का सेवन करने से “जिहाद” को बढ़ावा मिलता है और यह इस्लाम को मज़बूत करता है।। इन विवादों के बावजूद, रूह अफ़ज़ा(ROOH AFZA )आज भी भारतीय बाजार में एक प्रमुख और भरोसेमंद ब्रांड बना हुआ है।
1. रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA ) की शुरुआत: कहाँ और कैसे हुआ था इसका आविष्कार?
रूह अफ़ज़ा(ROOH AFZA )की कहानी 1906-07 में दिल्ली से शुरू होती है। इसे बनाया था हकीम अब्दुल मजीद ने, जो एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। हकीम साहब ने इसे गर्मी से राहत देने के लिए तैयार किया था। उनका उद्देश्य था कि एक ऐसा शरबत तैयार किया जाए, जो न सिर्फ ठंडक दे, बल्कि सेहत को भी बेहतर बनाए।
रूह अफ़ज़ा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री में जड़ी-बूटियां, फूलों के अर्क, और विभिन्न प्राकृतिक तत्व शामिल हैं, जो शरीर को ठंडा करने और ताजगी देने के काम आते हैं।
2. रूह अफ़ज़ा(ROOH AFZA)के मालिक: कौन हैं इसके पीछे के लोग?
रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA )का मालिकाना हक Hamdard Laboratories के पास है, जो आज भी एक पारिवारिक व्यवसाय के रूप में चल रहा है। हकीम अब्दुल मजीद के बाद उनके परिवार ने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया और इसे एक बड़े ब्रांड में तब्दील कर दिया। आज भी Hamdard Laboratories के परिवार के सदस्य इस कंपनी का संचालन कर रहे हैं।
आज रूह अफ़ज़ा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान, बांगलादेश, और अन्य देशों में भी बिकता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन चुका है।
3. रूह अफ़ज़ा(ROOH AFZA) का कारोबार: कितना बड़ा है इसका व्यापार?
रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA) ने Hamdard Laboratories को भारत पाकिस्तान और बांगलादेश में एक प्रमुख ब्रांड बना दिया है।
Hamdard Laboratories का टर्नओवर हाल के वर्षों में ₹2,000 करोड़ (लगभग $280 मिलियन USD) से अधिक रहा है। रूह अफ़ज़ा कंपनी के कुल राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कभी-कभी 85% तक पहुंचता है।
2021 में, Hamdard का कुल राजस्व ₹565 करोड़ था, जिसमें से करीब ₹500 करोड़ रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA)की बिक्री से आया। 2023 में, Fortune India ने रिपोर्ट किया कि Hamdard के खाद्य व्यवसाय ने पिछले वर्ष में 90% की टॉपलाइन वृद्धि देखी।
खासकर रमज़ान के महीने में, रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA) की बिक्री आसमान छूने लगती है, क्योंकि लोग इसे उपवास के दौरान पीने के लिए खरीदते हैं।
इसके अलावा, रूह अफ़ज़ा(ROOH AFZA) ने खुद को सिर्फ एक पेय के रूप में नहीं, बल्कि एक संस्कृति के रूप में स्थापित किया है। इसे न केवल भारत और पाकिस्तान में, बल्कि दुनिया भर के मुसलमान उपवास के दौरान पसंद करते हैं।
4. रूह अफ़ज़ा (ROOH AFZA) क्यों है इतना लोकप्रिय?
रूह अफ़ज़ा का स्वाद, इसके स्वास्थ्य लाभ और इसकी ताजगी के कारण यह दुनिया भर में एक पसंदीदा पेय बन चुका है। इसका इतिहास, इसके मालिक, और इसके लाभ इसे एक अद्वितीय और खास पेय बनाते हैं। गर्मी के दिनों में, खासकर रमज़ान के महीने में, रूह अफ़ज़ाकी मांग काफी बढ़ जाती है।
रूह अफ़ज़ा का स्वाद मीठा और ताजगी से भरपूर होता है, लेकिन इसके अलावा इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं ,रूह अफ़ज़ा में जड़ी-बूटियां और फूलों के अर्क होते हैं, जो गर्मी से राहत देते हैं और शरीर को ठंडा रखते हैं। इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और पेट की समस्याओं को भी ठीक करने में मदद करते हैं।
यही कारण है कि रूह अफ़ज़ा आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना कि यह 100 साल पहले हुआ करता था।
डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों, रिपोर्ट्स और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार किसी व्यक्ति, संस्था या ब्रांड की छवि को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से नहीं हैं। रूह अफ़ज़ा , “हमदर्द” या “पतंजलि” से जुड़ी कोई भी जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए दी गई है। किसी भी विवाद या दावे की सच्चाई की पुष्टि संबंधित आधिकारिक स्रोतों से की जानी चाहिए। यदि आपको किसी जानकारी से आपत्ति हो तो कृपया संपर्क करें, हम आवश्यक संशोधन करेंगे